प्रशांत पंड्या का फिला जगत

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Release of Special Cover to commemorate Platinum Jubilee of Epsom Derby Triumph of Maharaja Vijaysinhji of Rajpipla (1934-2009)

राजपीपला
राज्य के महाराजा लेफ्टिनेंट कर्नल विजयसिंहजी छत्रसिंहजी का जन्म 1890 में नांदोद (राजपीपला/Rajpipla) में हुआ था और उन्होंने राजकुमार कॉलेज, राजकोट और इम्पीरियल कैडेट कोर, देहरादून से शिक्षा प्राप्त की थी ।


महाराजा विजयसिंहजी घुड़सवारी में गहरी दिलचस्पी रखते थे । उन्होंने अपने अश्वों के साथ 1919 में भारतीय डर्बी (Indian Derby) (टिपस्टर/Tipster), 1926 में आयरीश डर्बी Irish Derby (एम्बारगो/Embargo), 1927 में ग्रान्ड प्रिक्स (Grand Prix) (एम्बारगो/Embargo) और 1934 में एप्सम डर्बी (Epsom Derby) (विंडसर लेड/Windsor Lad) जैसी घुड़सवारी प्रतीयोगीताएं जीती है

एप्सम डर्बी को दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित घुडदौड़ प्रतियोगिता माना जाता है जिसकी शुरुआत 1780 में हुई थी । यह प्रतियोगिता का आयोजन हर साल जून मास के पहले सप्ताहांत में एप्सम डाउन्स रेसकोर्स (Epsom Downs Race Course), एप्सम, इंग्लैंड में किया जाता है ।

एप्सम डर्बी जीतना एक ज़बरदस्त उपलब्धि है । एप्सम डर्बी जीतना और विश्व कप (World Cup) या विंबलडन (Wimbledon) जीतना एक समान बात है ।

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1780 से आज तक एप्सम डर्बी जीतने वालों में महाराजा विजयसिंहजी ही एकमात्र भारतीय है जिनके अश्व विंडसर लेड ने 6 जून 1934 को एप्सम डर्बी दौड़ जीता था । आज तक अन्य कोइ भारतीय व्यक्ति को यह सौभाग्य प्राप्त नहीं हुआ है ।

महाराजा विजयसिंहजी पहले गोहिल शासक थे जिन्होंने भारत की आज़ादी के तुरंत बाद अपने राज्य राजपीपला को 10 जून 1948 को भारतीय लोकतंत्र के हवाले किया था ।

प्रिय पाठकों, राजपीपला नगर मेरा अपना नगर है जहाँ मैंने अपना बचपन बिताया है । राजपीपला को अक्सर मिनी कश्मीर (Mini Kashmir) या भारत के स्विस (Switzerland of India) के रुप में जाना जाता है ।

राजपीपला राज्य उज्जैन (Ujjain) के राजा के पुत्र चोकाराना द्वारा AD 1470 में जुना राज (Juna Raj) नामक जगह (पुराना राजपीपला) पर स्थापित किया गया था । बाद में राजधानी को नांदोद में स्थानांतरित किया गया था बाद में 1947 में उसे राजपीपला नाम दिया गया था ।

1860 में राजपीपला का शासन महाराजा गंभीरसिंहजी (Gambhir Sinhji) ने संभाला और उन्हीं के शासनकाल के दौरान राजपीपला राज्य में जनता के लिये डाक सेवा (Postal Service) की शुरुआत की गई थी | राजपीपला राज्य के दुर्लभ डाक टिकट (Postage Stamps) और डाक स्टेशनरी (Postal Stationery) की वजह से टिकट संग्रह (Philately) की दुनिया में राजपीपला राज्य की एक विशिष्ट ख्याति है |

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राजपीपला राज्य के डाक टिकट (Postage Stamps of Rajpipla State)

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राज्य के डाक टिकटों के रंगीन परीक्षण के नमूने (Specimens/Colour Trials of Rajpipla State's Postage Stamps)

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Postage Stamp of Rajpipla on cover

महाराजा विजयसिंहजी की एप्सम डर्बी जीत के 75 वर्ष के अवसर पर राजपीपला राज्य के राज परिवार द्वारा एक विशेष आवरण का विमोचन 6 जून 2009 को राजपीपला में किया जाएगा ।

इस वर्ष एप्सम डर्बी का आयोजन भी 5 और 6 जून 2009 को एप्सम डाउन्स रेसकोर्स, एप्सम, इंग्लैंड में किया जा रहा है ।

महाराजा विजयसिंहजी की एप्सम डर्बी जीत के 75 वर्ष के अवसर पर महाराजा विजयसिंहजी को यह एक फिलेटेलिक श्रद्धांजलि (Philatelic Tribute) है ।

Rajpipla horse won history for India

3 comments:

बहुत बढिया और दुर्लभ स्टेम्प के साथ ये पोस्ट पसँद आयी
- लावण्या

prashaant , its awesome post.... bhai maza aa gaya .. itni saari jaankari aur ye durlabh chitr.. prashaant ,meri ek request hai bhai .. kya aapke paas kuch additional stamps hai , main apna poorana shauk phir se shuru karne ki iccha ho rahi hai .. agar aap ka sahyog honga to main ye shuru kar paaunga ..

aapka
vijay
hyderabad
09849746500

Hi,
First of all big thanks for such rare info. I am really happy to read ur blog and that too in good Hindi. I do have a taste for history and culture of India so i am aware of rajpipla.
Nice blog, i will take some time to read this blog, Mr Philatelist.

Keep Rocking,
Prasant.