प्रशांत पंड्या का फिला जगत

डाक टिकट संग्रह के सर्व प्रथम हिन्दी ब्लॉग में आपका स्वागत है | इस माध्यम से भारतीय राष्ट्रीय भाषा में डाक टिकट संग्रह के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने का यह एक प्रयास है |


एक फ़्रेम एक्ज़िबिट की संकल्पना कई साल पहले जब शुरु हुइ और उसे स्थानीय और राष्ट्रीय टिकट संग्रह प्रदर्शनियों में उसे स्वीकार किया गया तब पहले तो फिलाटेलिस्टो ने कुछ चितांए जताई थी । आलोचको को मनाने में कुछ समय भी लगा । लेकिन एक फ़्रेम एक्ज़िबिट नवोदित संग्राह्को और विशेषज्ञो दोनो को आकर्शित करता है और अब एक फ्रेम एक्जिबिट की राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनो में लोकप्रीयता बढ रही है ।

2002 तक FIP के एक फ़्रेम एक्ज़िबिट के मुल्यांकन दिशा निर्देश (Evaluation Guide Line) घोषित किये गये नहीं थे लेकीन कुछ साल पहले FIP ने प्रायोगीक स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी में एक फ़्रेम वर्ग की अनुमती दी । पहली FIP एक फ्रेम प्रतियोगिता BANGKOK-2003 का थाइलेन्ड में (4-13 अक्तुबर 2003) आयोजन किया गया उसके बाद अबतो एक फ़्रेम एक्ज़िबिट राष्ट्रिय और अंतर्राष्ट्रीय डाक टिकट प्रदर्शनियों में एक स्थापित और लोकप्रिय हिस्सा बन गया है ।

एक फ्रेम एक्जिबिट के बारे में दो अलग अलग विचारधाराए है । एकतो एक फ्रेम एक्जिबिट किसी भी विषय पर एक से ज्यादा फ्रेम की एक्जिबिट (multi-frame exhibit) तैयार करने के लिए प्रारंभ बिंदु है. इस अवधारणा के तहत एक फ़्रेम एक्ज़िबिट नए संग्राहकोंको एक छोटे पैमाने पर डाक टिकट प्रदर्शनी में अपने एक्जिबिट प्रदर्शित करने के लिए एक मंच प्रदान करेगा । संग्राहक धीरे धीरे अपना एक फ्रेम एक्ज़िबिट विकसित करके उत्तरोतर उसे ज्यादा सक्षम बनायेगा और तीन या पांच फ्रेम का एक्ज़िबिट तैयार करेगा । अमेरिका में इसी अवधारणा से एक फ्रेम की शुरुआत हुइ ।

एक अन्य अवधारणा पहले से विपरीत है । एक फ़्रेम एक्ज़िबिट एक ऐसा विषय है जो अनुभवी फिलाटेलिस्टो के लीये एक चुनौती है । एक फ्रेम एक्ज़िबिट पूरी तरह से एक ही फ्रेम तक ही सीमीत है और उसे बहु फ्रेम एक्ज़िबिट (multi frame exhibit) में विस्तारित नहीं किया जा सकता ।

मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि इन दोनों अवधारणाओं को जोड कर काम किया जा सकता है । महत्वपूर्ण बात यह है कि एक फ्रेम एक्ज़िबिट self-contained होना जरुरी है । यदि उसका विषय बुद्धिमानी से चुना जाय तो यह एक फ्रेम एक्ज़िबिट को बहु फ्रेम एक्ज़िबिट या एक से अधिक फ्रेम में विस्तारित किया जा सकता है । जो निकट के भविष्य में अपने एक्ज़िबिट को एक से अधिक फ़्रेम में विस्तार करने में सक्षम है उन प्रदर्शकों के लिए यह एक अवसर प्रदान करता है ।

एक फ़्रेम एक्ज़िबिट को डाक टिकट संग्रह प्रदर्शनी की एक लघु कहानी कहा जा सकता है। जहां तक फिलाटेलि को बढ़ावा देने की बात है तो एक फ़्रेम एक्ज़िबिट फिलाटेलि को स्कूली बच्चों, फिलाटेलि शुरु करेने वाले नवोदितो और उभरते फिलाटेलिस्टो को बढ़ावा देने के लिए सबसे अच्छा साधन है । एक फ़्रेम प्रदर्शन की एक्ज़िबिट के बारे में लोगो को प्रोत्साहित करके हम फिलाटेलि की होबी के बारे में जागरूकता पैदा करके फिलाटेलिस्टो को डाक टिकट प्रदर्शनियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित कर सकते है ।

एक फ़्रेम एक्ज़िबिट का एक अन्य लाभ यह भी है की जो लोग पहले से ही फिलाटेलीक संग्रह कर रहे है और जीनके पास अपने विषय के बारे में ज्ञान और सामग्री पहले से ही उपल्ब्ध है वो अपने ही अकते की अतीरीक्त सामग्री में से एक अलग या नया विषय सोच कर एक नया एक फ़्रेम एक्ज़िबिट बना सकते है ।

ट्रेडीशनल फिलाटेली (traditional philately), पोस्टल हिस्ट्री (postal history), पोस्टल स्टेशनरी (postal stationery), थीमेटीक कलेक्शन (thematic), एरोफिलाटेली (aerophilately), मेक्झीमाफिली (maximaphily), शोश्यल फिलाटेली (social philately) एवं फिस्कल फिलाटेली (fiscal philately) आदि स्थापित प्रतिस्पर्धी वर्गो (established competitive classes) में से किसी भी पहलू पर एक फ्रेम एक्ज़िबिट बनाया जा ख्याति है । एक फ़्रेम एक्ज़िबिट या तो कोइ एक मुद्दे, देश्, स्टेम्प्, भौगोलिक स्थान, विषय, युग या अन्य विशिष्ट अवधारणा की एक पूरी कहानी पर विकसित किया जा सकता है, हालांकि थीमेटीक एक फ़्रेम एक्ज़िबिट में महत्व की बात यह है की थीमेटीक एक फ़्रेम एक्ज़िबिट का विषय बहुत ही संकीर्ण (narrow) होना जरुरी है । थीमेटीक एक फ़्रेम एक्ज़िबिट अपने दायरे में संकुचित होने पर भी एक्ज़िबिट की गहराई और महत्व को संभवित रूप से पूरा की जाना चाहिए ।

यह उल्लेखनीय है की एक फ्रेम एक्ज़िबिट तीन, पांच या एक से ज्यादा फ्रेमो के एक्ज़िबिट को तोड कर निकाली हुइ नहीं होनी चाहिए । एक्ज़िबिट कुछ ऐसे विषय या वस्तु पर आधारित होनी चाहिए कि उस पर एक सर्वश्रेष्ठ एक फ़्रेम एक्ज़िबिट बनाया जाय । एक फ़्रेम एक्ज़िबिट बनाने में एक महत्वपूर्ण बात को ध्यान में रखी जानी चाहीये कि यह पहले से आखिरी पन्ने तक देखने वालों का ध्यान आकर्षित करे और साथ ही एक्ज़िबिट शिक्षात्मक एवं जानकारीपूर्ण होना चाहीए ।

एक फ्रेम एक्ज़िबिट में एक परिचय पृष्ठ (plan page) होना जरुरी है जो एक्ज़िबिट की अवधारणा और इरादा क्या है वो बताता है । यह पृष्ठ में टिकट संग्रह सामग्री (philatelic material) शामिल कर सकते है । यह भी बहुत ही महत्वपूर्ण है की एक्ज़िबिट का शीर्षक एक्ज़िबिट के हार्द का वर्णन करें । एक फ्रेम एक्ज़िबिट के लीये चुने गये विषय के अनुरुप एक्ज़िबिट का प्रलेखन (write up) विषय को पूरी तरह से समर्थन देने वाला होना चाहिए और साथ ही सही और उचित ढंग की सामग्री (philatelic material) एक्ज़िबिट में होना जरुरी । फिलाटेलीक सामग्री का चयन विषय के संदर्भ में, प्रासंगिक और उच्चतम गुणवत्ता का होना चाहिए और इस रूप में उपलब्ध होना चाहिए की प्रदर्शक की काबिलियत दिखाइ दे ।

एक फ्रेम एक्ज़िबिट की प्रस्तुति और प्रलेखन (write up) सुन्दर, सरल, संतुलित और अच्छी तरह का होना चाहिए । प्रलेखन (write up) फिलाटेलीक सामग्री और उस विषय के बारेमें जानकारी, विषय की समझ एवं प्रदर्शक की निजी शोध प्रदान करने वाला होना जरुरी है । ये याद रहे की एक फ्रेम एक्ज़िबिट डाक टिकट की प्रदर्शनी का एक हिस्सा है और नहीं की टिकीटो के बारे में कोइ लेख । इसलीये फिलाटेलीक सामग्री पर देखने वालो का ध्यान केंद्रित करवा ना बहुत ही जरुरी है ताकी प्रलेखन (write up) के अक्षरो के समुद्र में आपका एक्ज़िबिट खो न जाये ।

शीर्षक पृष्ठ (title page) और योजना पेज (plan page) की एक कापी और एक्ज़िबिट का एक पृष्ठ सार (Synopsis) एक्ज़िबिट के साथ प्रदर्शनी के आयोजको को भेजना जरुरी है । पृष्ठ सार (Synopsis) ज्युरी को आपका एक्ज़िबिट बेहतर तरीके से समझने में मदद करता है ।

एक फ्रेम एक्ज़िबिट के मूल्यांकन में ट्रीट्मेन्ट् (treatment), विकास (development), ज्ञान (knowledge), संशोधन (research) और प्रदर्शन की प्रस्तुति (presentation) पर भार रखा गया है । निम्न बुनियादी मानदंड एक फ़्रेम एक्ज़िबिट के मूल्यांकन के लिए उपयोग किये जाते हैः
उपचार एवं महत्व (Treatment & Significance) (अधिकतम मार्क्स: 30)

* स्कोप और सीमाएं (Scope and Limits)
* कवरेज और विकास (Coverage and Development)
* प्रासंगिकता (Relevance)

फिलाटेलीक और संबंधित ज्ञान, निजी अध्ययन और संशोधन (Philatelic & Related Knowledge and Personal Study & Research) (अधिकतम मार्क्स: 35)

* फिलाटेलीक ज्ञान (Philatelic Knowledge)
* संबंधित ज्ञान (Related Knowledge)
* निजी अध्ययन (Personal Study)
* संशोधन (Research)

हालत और दुर्लभता (Condition and Rarity) (अधिकतम मार्क्स: 30)

* हालत (Condition)
* अधिग्रहण की - दुर्लभता / कठिनाई (Rarity/Difficulty of Acquisition)

प्रस्तुति (Presentation) (अधिकतम मार्क्स: 5)

कुल मार्क्स: 100

सामान्य तौर पर एक्ज़िबिट में मार्क मूल्यांकन मानदंडों में कमियां या उसके गैर अनुपालन की वजह से कटते है ।

मित्रो अब समय बदला है आज एक फ़्रेम एक्ज़िबिट ने खुदकी को महत्वता को साबित किया है. एक फ़्रेम एक्ज़िबिट डाक टिकट संग्रह की कमजोर कडी नहीं ब्लकी एक अभिनव अंग है जो कायम रहने वाला है ।

मेरी राय में डाक टिकट संग्राह्को के लिए एक फ़्रेम एक्ज़िबिट विकसित करना एक वरदान साबित होगा क्युंकी कोइभी संग्राह्क पूर्व अर्हताओं (without any pre qualifications) के बिना अंतर्राष्ट्रीय डाक टिकट प्रदर्शनी में एक फ़्रेम एक्ज़िबिट वर्ग में (One Frame Exhibit class) में शामिल हो सकता है । इस प्रकार नये टिकट संग्राह्क अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र में ख्याति प्राप्त्त कर सकते है । इसलिए मैं साथी फिलाटेलीस्टो को एक फ़्रेम एक्ज़िबिट के लिए स्वयं को करने की और एक फ़्रेम एक्ज़िबिट विकसित करने की दीशा में कदम रखने की शिफारिश करता हुं।
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Note: English version of this article is available at www.vadophil.org/reading.htm

1 comments:

Hindi vresion is wonderful with English Philatelic terms ! Very nice way of presentation.